
मार्च के पहले हफ्ते में ही फाइनेंशियल सेक्टर से आई YES बैंक के डूबने की खबर ने आम आदमी को झकझोर कर रख दिया। एटीएम से पैसे निकालने के लिए लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी, लेकिन कहीं एटीएम पर पैसा नहीं था तो कहीं एटीएम ही बंद पड़े दिखाई दिए। अन्य बैंकों की ATM मशीनें भी YES बैंक के ग्राहकों को पैसे नहीं दे पा रही थी। लोगों को अपना पैसा डूबने का डर सता रहा था। हमने इस मामले में एक्सपर्ट से भी बात की। आइए जानते हैं आपका पैसा बैंकों में कितना सुरक्षित हैं.
देश की चौथी सबसे बड़ी प्राइवेट बैंक YES बैंक में लाखों लोगों का अकाउंट था। अब सभी अपने पैसों के लिए एटीएम दर एटीएम भटक रहे हैं। RBI और सरकार दिलासा दे रही है कि ग्राहकों का पैसा नहीं डूबेगा पर लोगों का यकीन तो कम हुआ ही है। जिस बैंक पर उन्हें अपनों से ज्यादा भरोसा था एक ही झटके में बंद होने की कगार पर आ गई। जिन लोगों के सैलरी अकाउंट इस बैंक में थे उनका तो और भी बुरा हाल ही।
महीना अभी शुरू ही हुआ है, होली का त्योहार सिर पर है, कई लोगों की सैलेरी ही अटक गई। कई को मिली नहीं और जिन्हें मिली भी उनका पैसा अकाउंट में ही फंस गया। न तो चेक काम कर रहे हैं और न ही NEFT हो पा रही है। अब भले ही आरबीआई कहे कि आपका पूरा पैसा सुरक्षित है। 3 अप्रैल तक के लिए 50000 लिमिट बांध दी गई है और बाद में इसे हटा लिया जाएगा। बहरहाल इस माह तो उनका हाल बेहाल ही है। अब नया सैलेरी अकाउंट भी तुरंत खुलने से तो रहा।
अब आप अपनी मेहनत से एक-एक पैसा बचाकर पूंजी बनाने की सोचते हैं। इन पैसों की बैंकों में इस वजह से एफडी कराते हैं कि यहां तो आपका पैसा सुरक्षित है। मगर यह क्या, कई बैंक बगैर जांच किए ही ऐसी कंपनियों को पैसा बांट देते हैं जिनकी इसे चुकाने की क्षमता ही नहीं होती। बहरहाल बैंकों का पैसा डूबने लगता है और उन पर NPA बढ़ता चला जाता है।
ऐसा नहीं है कि बैंकों पर पहली बार इस तरह का संकट आया हो। 15 सितंबर 2008 को अमेरिका के दिग्गज इन्वेस्टमेंट बैंक लीमैन ब्रदर्स ने खुद को दिवालियापन घोषित कर दिया था। मुनाफे के चक्कर में इस बैंक ने कई ऐसे लोगों को लोन दे दिया जो पैसा चुकाने की स्थिति में नहीं थे। बहरहाल यह दिन पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था के लिए काला दिन बन गया और देखते ही देखते पूरी दुनिया आर्थिक मंदी की चपेट में आ गई।
भारत में भी 2019 में PMC बैंक (पंजाब एंड महाराष्ट्र कोऑपरेटिव बैंक) के डूबने की खबर आई थी। इस बैंक को डुबाने में बहुत ज्यादा कर्ज उठाकर खुद को डिफॉल्ट करने वाली प्रॉपर्टी डेवलपर्स कंपनी HDIL प्रमुख है। उस कंपनी की विश्वसनीयता भी पहले से ही संदेह के दायरे में थी। 23 सितंबर को RBI ने PMC बैंक की गतिविधियों पर पूरी तरह 6 महीने के लिए रोक लगा दी और अगले 6 महीनों के लिए एडमिनिस्ट्रेटर नियुक्त किया था। इसके साथ ही ग्राहकों के पैसे निकालने पर भी पाबंदी लगा दी गई थी। पहले 6 महीने में हर अकाउंट से सिर्फ 1000 रुपए निकालने की इजाजत थी। इसके बाद इसे बढ़ाकर 10,000 रुपए और बाद में उसे 25,000 रुपए कर दिया।
कितना सुरक्षित है आपका पैसा : अगर अब कोई बैंक डिफॉल्ट करता है तो बैंक में जमा 5 लाख रुपए तक की राशि पूरी तरह से सुरक्षित है। पहले यह सीमा 1 लाख थी लेकिन एक फरवरी 2020 को पेश बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इसे 1 लाख रुपए से बढ़ाकर 5 लाख रुपए कर दिया। अब बैंक डूबते ही आपको यह पैसा मिलने से तो रहा। और यह कोई नहीं बता सकता है यह पैसा कितने समय में आपको मिल जाएगा।
बैंकिंग एक्सपर्ट मनीष जैन बताते हैं कि भारत में वैसे तो अभी तक कोई बैंक नहीं डूबी है। जिस बैंक की हालत खराब होती है उसी कोई और बैंक टेकओवर कर लेता है। ऐसा ही कुछ IDBI के मामले में भी हुआ था, बाद में उसे LIC का सहारा मिल गया। अब YES बैंक को भी बचाने के लिए SBI आगे आ गया है। थोड़े दिनों की दिक्कत जरूर रहती है। उन्होंने बताया कि अगर बैंक डूबती भी है तो छोटे ग्राहकों का सेटलमेंट पहले किया जाता है और फिर बाद में बड़े ग्राहकों का नंबर आता है।
4 Comments
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